प्रीति रघुवंशी मामले में जहां उसकी मौत का जिम्मेदार मंत्री रामपाल को बताया जा रहा है तो वहीं प्रीति के परिजन भी इसे एक तमाशा बनाने में कोई कसर नही छोड़ रहे हैं, कभी खबरें आती हैं कि प्रीति का भाई लापता है तो कहीं पता चलता है कि वह अपनी मर्जी से घर छोड़कर गया है। परिजन आरोप लगाते हैं कि उसे किडनैप कराया है और पुलिस उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं कर रही है। प्रीति के परिजन जिन लोगों को उसकी मौत का जिम्मेदार बता रहे हैं और उसे न्याय दिलाने की बात तो कर रहे हैं, लेकिन यह सब देखकर अब सिर्फ तमाशा ही नजर आ रहा है।
कभी प्रीति का भाई गुम हो जाता है तो परिजन पुलिस द्वारा उसके लापता होने की रिपोर्ट न लिखने की बात करते हैं। फिर प्रीति का भाई खुद थाने पहुंचकर अपनी मानसिक स्थिति ठीक न होने की बात कहता है, थाने में आकर कहता है कि घरवालों से दूर जाकर कुछ वक्त शांति से बिताना चाहता हूं। अरे शांति से वक्त बिताने वाले... ये बता दो कि ऐसी मुश्किल घड़ी में परिवार का साथ छोड़कर कौन सा बेटा मन की शांति के लिए इधर-उधर घूमता है। वहीं प्रदेश के प्रमुख दल इस मामल में जमकर राजनीति करने में लगे हैं। चिंता करने की बात है, बेटी को पढ़ाने, आगे बढ़ने की बात करने वाले लोग इस बेटी के बारे में कुछ भी कहने से सिर्फ इसलिए कतरा रहे हैं, क्योंकि वह प्रदेश की सत्ताधारी सरकार के मंत्री की बहू थी।
लेकिन, प्रीति तुम यह सब देखकर हैरान मत होना, समाज के इस तरह के रवैये से तुम खुद भी अच्छी तरह से परिचित थीं। गलती तुम्हारी नहीं कि तुमने एक नेता जी के बेटे पर भरोसा किया और प्रेम विवाह किया। भरोसा तो लोग अपने रोम पर भी नहीं करते, लेकिन तुमने एक मंत्री के बेटे से प्रेम करके बड़ी हिम्मत दिखाई। तुम आज अपनी मौत पर किए जा रहे इस तमाशे पर दुखी मत होना। तुम बिल्कुल भी मत सोचना कि बेटियों को पढ़ाने और आगे बढ़ाने की बात करने वाले, उनके सर पर हाथ रखकर सेल्फी लेने वाले, उनकी पूजा करने वाले तुम्हारे साथ ऐसा क्यों कर रहे हैं, जबकि तुम तो इस दुनिया में हो ही नहीं। परेशान मत होना कि तुम्हारी मौत पर इस तरह राजनीति की जा रही है। तुम्हारी आत्मा की शांति के लिए तुम्हारे परिजनों ने सब कुछ किया, जो हर किसी के परिवार वाले करते है, पर जो अब कर रहे हैं, उस पर अफसोस तो है, लेकिन तुम दुखी मत होना प्रीति... तुमने अपनी हिम्मत दिखाई है, नेता जी के बेटा ही तुम्हारी हिम्मत के आगे बोना साबित हो गया, इसलिए तुम दुखी मत होना प्रीति।